Uttarakhand: उत्तराखंड में युवाओं के कौशल विकास पर जोर, CM धामी ने 10 दिन में मांगी कार्ययोजना

देहरादून। उत्तराखंड में युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से एक ठोस रणनीति बनाने का निर्देश दिया और इसके लिए 10 दिनों के भीतर एक स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करने को कहा है।

समन्वय और आधुनिकता पर जोर

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह सभी संबंधित विभागीय सचिवों के साथ बैठक कर एक ऐसी ठोस रणनीति तैयार करें, जिससे युवाओं को दिया जाने वाला प्रशिक्षण सीधे रोजगार से जुड़ सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास को राज्य में स्थापित इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ा जाए ताकि युवाओं को नवाचार और उद्यमिता के लिए भी मंच मिल सके।

मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हर जिले में स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर और मिस्त्री जैसे कार्यों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था हो। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उद्योगों की वर्तमान मांग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएं। इसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनें, प्रयोगशालाएं (लैब्स) और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए।

हर वर्ग तक पहुंचेगा कौशल विकास

बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि हर जनपद की पारंपरिक पहचान के अनुरूप लोगों को कौशल विकास से जोड़ा जाए। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने और सभी कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने पर भी जोर दिया।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष कौशल विकास केंद्र स्थापित करने और प्रदेश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने के लिए ‘स्किल ऑन व्हील्स’ वैन शुरू करने के भी निर्देश दिए गए। बाल श्रम की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री ने बड़े जनपदों में विशेष अभियान चलाने और बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए शीघ्र योजना बनाने को कहा।

विदेशों में रोजगार के लिए विशेष तैयारी

एक महत्वपूर्ण निर्देश में, मुख्यमंत्री ने हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावासों से संपर्क साधा जाए। ऐसे युवाओं को विदेशी भाषाओं का ज्ञान देने के लिए दून विश्वविद्यालय के साथ नियमित समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए, ताकि भाषा की बाधा उनके रास्ते में न आए।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश के 27 आईटीआई में अब छात्रों को एक वर्ष का प्रशिक्षण संस्थान में और एक वर्ष का उद्योगों में प्रदान करने के लिए भारत सरकार से सहमति मिल गई है। इस दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली से युवाओं को व्यावहारिक अनुभव मिलेगा, जिससे उनके रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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