चंडीगढ़। पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ को मंजूरी दे दी। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है, जिसके तहत राज्य के सभी निवासियों को 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना से पंजाब के लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ के तहत, अब राज्य का प्रत्येक परिवार 10 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज का हकदार होगा। इस पहल के साथ, पंजाब भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां हर घर को इतनी व्यापक स्वास्थ्य कवरेज दी जा रही है।
इस योजना का लाभ राज्य की लगभग तीन करोड़ की पूरी आबादी को मिलेगा। अब तक इस योजना के लिए 550 से अधिक निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध (empaneled) किया जा चुका है और आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ाकर 1000 की जाएगी। पहले, एक परिवार केवल 5 लाख रुपये तक का ही इलाज करवा सकता था, जिसे अब दोगुना कर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा, बिजली और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी सुविधाएं देकर पंजाब ने देश के बाकी राज्यों के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है।
महान गुरुओं द्वारा दिए गए ‘सरबत दा भला’ (सभी का कल्याण) के सिद्धांत का पालन करते हुए, पंजाब सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए समावेशी कदम उठा रही है। इस योजना के तहत, पंजाब के प्रत्येक नागरिक—जिनमें सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी भी शामिल हैं—को आय स्तर की परवाह किए बिना मुफ्त इलाज का अधिकार मिलेगा। पहले, केवल आय-आधारित मानदंडों के तहत कुछ चुनिंदा परिवार ही लाभ के पात्र थे, लेकिन अब यह योजना सभी निवासियों को कवर करती है।
योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड सेवा केंद्रों या कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) पर जारी किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, नागरिक अपना आधार कार्ड या वोटर आईडी का उपयोग करके ऑनलाइन पंजीकरण कर भी स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत इलाज सभी सरकारी अस्पतालों और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि पंजाब का कोई भी निवासी अब वित्तीय बाधाओं के कारण चिकित्सा उपचार से वंचित नहीं रहेगा।
निवेशकों को बड़ी राहत
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, कैबिनेट ने निवेशकों को आ रही कठिनाइयों को देखते हुए रियल एस्टेट परियोजनाओं पर लगने वाले सीएलयू (CLU), ईडीसी (EDC) और अन्य शुल्कों की वसूली से संबंधित अधिसूचना को लागू करने की तारीख में बदलाव किया है। पहले 4 जून, 2025 की अधिसूचना के तहत नए शुल्कों को 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाना था। लेकिन अब कैबिनेट ने फैसला किया है कि यह अधिसूचना 4 जून, 2025 से ही प्रभावी होगी। इसका मतलब है कि 4 जून, 2025 तक जमा किए गए प्रोजेक्ट आवेदनों पर पुरानी दरों के अनुसार ही शुल्क लिया जाएगा और इस तारीख के बाद जमा होने वाले आवेदनों पर ही नई दरें लागू होंगी, जिससे निवेशकों को बड़ी राहत मिली है।
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