Himachal: मुख्यमंत्री सुक्खू और जयराम ठाकुर ने एक साथ जाना थुनाग के बाढ़ पीड़ितों का दर्द

शिमला/मंडी। हिमाचल प्रदेश में भारी आपदा के बीच राजनीतिक एकजुटता की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एक साथ मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। दोनों नेताओं ने थुनाग बाजार क्षेत्र का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया, जो हाल ही में बादल फटने के कारण आई विनाशकारी बाढ़ (फ्लैश फ्लड) से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

इस दौरान दोनों नेताओं ने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात की, उनका दुःख-दर्द सुना और उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सराज, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का अपना विधानसभा क्षेत्र है, ऐसे में मुख्यमंत्री का उनके साथ यहां पहुंचना इस दौरे को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। दोनों नेताओं ने अधिकारियों से नुकसान का जायजा लिया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग करेंगे मुख्यमंत्री

बाद में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह जल्द ही दिल्ली जाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करूंगा और हिमाचल प्रदेश के लिए एक विशेष राहत पैकेज की मांग पुरजोर तरीके से रखूंगा।” उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है और प्रभावितों के पुनर्वास तथा राहत कार्यों के लिए केंद्र सरकार की सहायता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार हिमाचल की हरसंभव मदद करेगी।

मृतक के परिवार से मिलकर बंधाया ढांढस

अपने दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष उस घर भी गए जहां बाढ़ में अपनी जान गंवाने वाले स्थानीय निवासी बुद्धि राज रहते थे। दोनों नेताओं ने शोक संतप्त परिवार से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव और पर्याप्त सहायता का भरोसा दिलाया। इस मानवीय पहल ने स्थानीय लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया कि संकट की इस घड़ी में पूरा प्रदेश उनके साथ खड़ा है।

यह संयुक्त दौरा ऐसे समय में हुआ है जब हिमाचल प्रदेश मानसून की भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन जैसी आपदाओं से गंभीर रूप से जूझ रहा है। प्रदेश भर में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं, जहां प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने संकट की इस घड़ी में जनता के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया है। अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार से मिलने वाली संभावित मदद पर टिकी हैं, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और सामान्य जीवन बहाल करने का काम तेजी से आगे बढ़ सके।

 

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