चंडीगढ़। पंजाब में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। बुधवार को, पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि हर जिले से कम से कम दो चिकित्सा अधिकारियों (एमओ) को देश के प्रमुख संस्थानों में एडवांस क्रिटिकल केयर का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों को आईसीयू और ट्रॉमा के गंभीर मामलों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए उन्नत कौशल से लैस करना है, ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके।
यहां चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय ‘ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स’ (टीओटी) कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने इस योजना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह पहल आपातकालीन देखभाल में मौजूद कमियों को दूर करेगी और ‘गोल्डन ऑवर’ (दुर्घटना के बाद का पहला महत्वपूर्ण घंटा) के दौरान समय पर उपचार सुनिश्चित करेगी। जान बचाने में हर एक सेकंड कीमती होता है।” उन्होंने हृदयघात के मामलों में मृत्यु दर को कम करने वाले सफल ‘स्टेमी (STEMI)’ प्रोजेक्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब ‘गोल्डन ऑवर’ में देखभाल के नए मानक स्थापित करेगा।
डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की ‘रीढ़’ बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “आपका समर्पण और विशेषज्ञता ही एक स्वस्थ और अधिक लचीले पंजाब का निर्माण करेगी। हम सिर्फ बीमारियों का इलाज नहीं कर रहे, बल्कि एक ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली बना रहे हैं जो रोकथाम, समय पर हस्तक्षेप और मानवीय देखभाल को प्राथमिकता देती है।”
इस दौरान उन्होंने मनोरोगियों, विशेषकर नशे की लत से जूझ रहे लोगों के साथ मानवीय व्यवहार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार उनकी रिकवरी और सामाजिक पुनर्वास के लिए चिकित्सा देखभाल के साथ कौशल विकास कार्यक्रमों को भी जोड़ रही है।
डॉ. बलबीर सिंह ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि पंजाब सरकार जल्द ही 1,000 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती करने जा रही है। इन डॉक्टरों को विशेष इंडक्शन ट्रेनिंग देने के बाद ग्रामीण, सीमावर्ती और दूरदराज के इलाकों में तैनात किया जाएगा, ताकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर को पाटा जा सके।
क्षमता निर्माण के अन्य प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) को आईआईएम, अहमदाबाद में उन्नत प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है, जबकि मनोचिकित्सकों ने एम्स, दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इसके अतिरिक्त, चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करने के लिए राज्य पुरस्कारों की भी शुरुआत की जाएगी।
अपने संबोधन के अंत में, स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा बिरादरी की प्रशंसा करते हुए उन्हें “पंजाब के स्वास्थ्य के भविष्य का निर्माता” कहा और एक स्वस्थ पंजाब के निर्माण के लिए नवाचार, समानता और उत्कृष्टता के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव घनश्याम थोरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।