Punjab: पंजाब कैबिनेट के बड़े फैसले- भाखड़ा बांध से CISF की वापसी, 3600 शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें सबसे प्रमुख निर्णय भाखड़ा बांध की सुरक्षा से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को हटाने का रहा। कैबिनेट ने पिछली कांग्रेस सरकार के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें बांध पर CISF की तैनाती को मंजूरी दी गई थी।

कैबिनेट ने इस फैसले को “राज्य-विरोधी” और पंजाब पुलिस का अपमान बताया, जिसका सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा करने का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। सरकार का मानना है कि जब पंजाब पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह सक्षम है, तो बांधों की सुरक्षा के लिए CISF की कोई आवश्यकता नहीं है। कैबिनेट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह CISF की तैनाती के लिए एक भी पैसा नहीं देगी और इस कदम के खिलाफ आगामी विधानसभा सत्र में एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए, कैबिनेट ने प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर 3600 विशेष शिक्षक (Special Educator Teachers) के पदों के सृजन को मंजूरी दी। इस फैसले से राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 48,000 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को लाभ होगा। ये पद तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से भरे जाएंगे। इसके अलावा, राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मोहाली में “सीजीसी यूनिवर्सिटी” और होशियारपुर में “रयात बाहरा प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी” नामक दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को भी हरी झंडी दी गई।

कैबिनेट ने पारंपरिक ग्रामीण खेलों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से पंजाब पशु क्रूरता निवारण (पंजाब संशोधन) अधिनियम 2025 और बैलगाड़ी दौड़ के संचालन से जुड़े नियमों को मंजूरी दी। इस कदम का उद्देश्य बैलगाड़ी दौड़ जैसे आयोजनों को सुरक्षा मानकों और पशु चिकित्सा पर्यवेक्षण के साथ विनियमित करना है, जिससे पंजाब की देशी मवेशियों की नस्लों को बचाने में भी मदद मिलेगी।

अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में, कैबिनेट ने बादल स्थित ग्रामीण व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान के 22 कर्मचारियों को कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की, जिससे एक लंबे समय से चली आ रही कानूनी जटिलता का समाधान होगा। इसके अलावा, पंजाब राज्य विकास कर अधिनियम 2018 में संशोधन को सहमति दी गई, जिसके तहत एकमुश्त निपटान (OTS) योजना लाई जाएगी। इससे करदाताओं को 200 रुपये के मासिक कर के बजाय 2200 रुपये का एकमुश्त वार्षिक भुगतान करने का विकल्प मिलेगा, जिससे कर अनुपालन सरल होगा और राजस्व संग्रह में सुधार होगा।

 

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