लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के बुनियादी ढांचे और शहरी विकास को एक नई गति देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। गुरुवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 30 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इन फैसलों में सबसे प्रमुख दो घोषणाएं रहीं – एक, वर्षों से अधूरी पड़ी जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) परियोजना को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपना और दूसरा, प्रदेश के दो प्रमुख एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, को एक नए लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ना।
विरासत की समस्या का समाधान: जेपीएनआईसी को मिली नई संजीवनी
पिछली सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक रहा जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) लंबे समय से अधूरा पड़ा था और शहर के लिए एक ‘सफेद हाथी’ साबित हो रहा था। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया था, जिससे यह एक बड़ी देनदारी बन गया था। योगी कैबिनेट ने इस गतिरोध को समाप्त करते हुए एक निर्णायक फैसला लिया है। अब इसके निर्माण, रखरखाव और संचालन की पूरी जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंप दी गई है।
यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एलडीए के पास लखनऊ में शहरी विकास और बड़ी परियोजनाओं के प्रबंधन का व्यापक अनुभव है। सरकार का लक्ष्य अब इस विशाल परिसर को न केवल पूरा करना है, बल्कि इसे एक आत्मनिर्भर और राजस्व-सृजन करने वाली संपत्ति के रूप में विकसित करना है। जेपीएनआईसी में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय, कन्वेंशन सेंटर, खेल सुविधाएं और अन्य सार्वजनिक उपयोग की जगहें प्रस्तावित हैं। एलडीए के अधीन आने के बाद उम्मीद है कि इस परियोजना पर काम तेजी से आगे बढ़ेगा और जल्द ही लखनऊ की जनता को एक नया अंतरराष्ट्रीय स्तर का केंद्र मिलेगा, जो शहर में व्यावसायिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
एक्सप्रेसवे प्रदेश का सपना साकार: बनेगा नया लिंक एक्सप्रेसवे

कैबिनेट बैठक का दूसरा सबसे बड़ा फैसला उत्तर प्रदेश की जीवन रेखा बन चुके एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और मजबूत करना है। बैठक के बाद जानकारी देते हुए मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
यह निर्णय प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच एक निर्बाध, उच्च गति वाली कनेक्टिविटी स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है। वर्तमान में, यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली को आगरा से जोड़ता है, जहां से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे शुरू होता है। अब इस नए लिंक रोड के बनने से यह कनेक्टिविटी सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक पहुंच जाएगी, जो लखनऊ से होकर गाजीपुर तक जाता है।
इस लिंक एक्सप्रेसवे के दूरगामी प्रभाव होंगे:
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आर्थिक विकास: यह एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि एक आर्थिक गलियारे के रूप में काम करेगा। इससे माल ढुलाई तेज और सस्ती होगी, जिससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
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औद्योगिक गलियारा: इसके किनारे नए औद्योगिक क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स हब और निजी औद्योगिक पार्कों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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कृषि क्षेत्र को लाभ: पश्चिमी यूपी के कृषि उत्पाद और पूर्वी यूपी के उत्पाद आसानी से राज्य भर के बाजारों और मंडियों तक पहुंच सकेंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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समय की बचत: दिल्ली से बिहार की सीमा तक का सफर कुछ ही घंटों में पूरा किया जा सकेगा, जिससे आम यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।