Himachal: हिमाचल में बारिश का कहर जारी, 6 जिलों में भारी वर्षा और बाढ़ का अलर्ट, 10 जुलाई तक राहत नहीं

शिमला। देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर आसमानी आफत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानसून की सक्रियता ने प्रदेश में तबाही का ऐसा मंजर पैदा कर दिया है, जिससे जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने आज, यानी बुधवार को भी प्रदेश में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। विभाग ने विशेष रूप से छह जिलों के लिए अलर्ट जारी करते हुए अत्यंत सतर्क रहने की सलाह दी है।

छह जिलों पर मंडरा रहा खतरा, बाढ़ की चेतावनी

मौसम विशेषज्ञों द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के छह जिलों – कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर और शिमला – में आज कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की प्रबल संभावना है। यह केवल भारी बारिश का अलर्ट नहीं है, बल्कि इसके साथ अचानक बाढ़ (Flash Flood) आने की भी गंभीर चेतावनी जारी की गई है। लगातार हो रही बारिश से नदियां और नाले पहले से ही उफान पर हैं, और थोड़ी और बारिश भी विकराल रूप ले सकती है। इसे देखते हुए, प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है।

10 जुलाई तक कड़े रहेंगे मौसम के तेवर

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, प्रदेश में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर 10 जुलाई तक बना रहेगा, जिसका अर्थ है कि अगले कुछ दिनों तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है। पूर्वानुमान के मुताबिक, 5 जुलाई से लेकर 10 जुलाई तक की अवधि विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में “बहुत भारी वर्षा” होने की संभावना है। यह स्थिति पहले से ही आपदा झेल रहे राज्य के लिए एक और बड़ी चुनौती पेश कर रही है।

आपदा का भयावह चेहरा: 37 मौतें, 56 अभी भी लापता

यह बारिश अपने साथ केवल तबाही का मंजर ही नहीं, बल्कि न भरने वाले जख्म भी लेकर आई है। प्रदेश में हाल ही में हुई बादल फटने की विभिन्न घटनाओं के कारण 56 लोग अभी भी लापता हैं, जिनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। इन लापता लोगों की तलाश के लिए प्रशासन द्वारा एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक दिन-रात जुटे हुए हैं। हर गुजरते पल के साथ इन लोगों के परिवारों की उम्मीदें टूट रही हैं। इस मानसून सीजन में अब तक कुल 37 लोगों की विभिन्न वर्षा-जनित घटनाओं में मौत हो चुकी है, जो इस आपदा की भयावहता को बयां करता है।

बुनियादी ढांचा ध्वस्त: 261 सड़कें और 599 पेयजल योजनाएं ठप

भारी वर्षा और भूस्खलन ने प्रदेश के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश के कारण राज्य भर में 261 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। इनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग और प्रमुख जिला सड़कें भी शामिल हैं, जिससे सैकड़ों गांव और कस्बे जिला मुख्यालयों से कट गए हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से यह काम बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।

सड़कों के अलावा, पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश भर में 599 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे लाखों लोगों को पीने के पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में लोग प्राकृतिक स्रोतों या टैंकरों पर निर्भर होने को मजबूर हैं।

बारिश के डरावने आंकड़े

बीते 24 घंटों के आंकड़े इस बारिश की तीव्रता को दर्शाते हैं। सिरमौर जिले के पच्छाद में सबसे अधिक 133.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा, बड़सर में 92 मिमी, शिमला के पास घनाहट्टी में करीब 60 मिमी, और ऊना व बैजनाथ में 55-55 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का दौर लगातार जारी है।

कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश इस समय एक बड़ी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा है, लेकिन मौसम की चुनौती बहुत बड़ी है। अगले कुछ दिन प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील हैं।

 

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