नई दिल्ली। इस साल मानसून ने समय से पहले ही पूरे देश को अपनी आगोश में ले लिया है। आमतौर पर 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करने वाला मानसून इस बार 9 दिन पहले, 29 जून को ही पहुंच गया। मानसून के आगमन के साथ ही देश के कई राज्यों में भारी से लेकर अति भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है, जिससे कई जगहों पर जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों के लिए एक नई और गंभीर चेतावनी जारी की है।
उत्तर भारत के लिए विशेष चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, अगले छह से सात दिनों तक उत्तर भारत के कई राज्यों को भारी बारिश का सामना करना पड़ सकता है। आईएमडी ने विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के लिए “बहुत भारी वर्षा” की चेतावनी जारी की है। इन राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
मध्य, पूर्व और पश्चिम भारत में भी सक्रिय रहेगा मानसून
मानसून का असर सिर्फ उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं है। आईएमडी के ताजा अपडेट के अनुसार, अगले पांच से छह दिनों के दौरान मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भी मानसून पूरी तरह सक्रिय रहेगा। मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। विशेषकर मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में अगले कुछ दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
पश्चिमी तट पर भी मानसून का प्रभाव बना रहेगा। कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। वहीं, सौराष्ट्र और कच्छ में भी अगले सात दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है।
पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में भी बारिश का अनुमान
पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अगले सात दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। दक्षिण भारत की बात करें तो तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में भी सप्ताह के कुछ दिनों में भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना
आईएमडी ने सोमवार को यह भी बताया कि इस साल जुलाई के महीने में पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। लगातार और अधिक बारिश के कारण देश के कई हिस्सों, विशेषकर मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। विभाग ने इन राज्यों के अधिकारियों और आम जनता से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार और सतर्क रहने को कहा है।
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