Himachal: मनाली में जिप लाइन टूटने से बच्ची घायल, वीडियो वायरल होने पर जागा प्रशासन

मनाली।

हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली में एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां के नेहरू कुंड इलाके में एक जिप लाइन की रस्सी टूटने से 10 वर्षीय बच्ची लगभग 30 फीट गहरी खाई में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई। दिल दहला देने वाली यह घटना 8 जून की है, लेकिन प्रशासन की नींद तब टूटी जब एक सप्ताह बाद इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना ने पर्यटन स्थलों पर चल रही साहसिक गतिविधियों के संचालन और निगरानी में भारी लापरवाही को उजागर किया है।

घटना के अनुसार, महाराष्ट्र के नागपुर से अपने परिवार के साथ घूमने आई 10 वर्षीय तृषा पुत्री प्रफुल्ल, नेहरू कुंड में जिप लाइन का आनंद ले रही थी। जब वह जिप लाइन पर बीच रास्ते में थी, तभी अचानक रस्सी टूट गई और वह सीधे नीचे गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में बच्ची को गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत मनाली के स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। हालांकि, परिजन उसे इलाज के लिए वापस अपने शहर नागपुर ले गए, जहां एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े और गंभीर हादसे के बाद भी एक सप्ताह तक कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई। मामला पूरी तरह से शांत था, जब तक कि किसी ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं कर दिया। वीडियो वायरल होते ही यह मामला चर्चा में आ गया और प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल उठने लगे।

इस मामले में पुलिस का रवैया भी सवालों के घेरे में है। डीएसपी मनाली, केडी शर्मा ने बताया कि चूंकि बच्ची के परिजनों ने मामला दर्ज करवाने से इनकार कर दिया था, इसलिए कोई प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई। वहीं, पर्यटन विभाग भी वीडियो वायरल होने के बाद ही हरकत में आया। जिला पर्यटन अधिकारी का कार्यभार संभाल रहे चिरंजी लाल ने बताया कि वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए संबंधित जिप लाइन संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और जवाब मांगा गया है।

यह घटना मनाली जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल पर सुरक्षा मानकों की पोल खोलती है। यह सवाल उठता है कि क्या इन एडवेंचर स्पोर्ट्स संचालकों की नियमित जांच होती है? क्या उनके उपकरण और रस्सियां प्रमाणित और सुरक्षित हैं? और अगर कोई पीड़ित परिवार सदमे की स्थिति में मामला दर्ज नहीं कराता, तो क्या प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़े ऐसे गंभीर मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जांच करे? यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू नहीं किया गया, तो भविष्य में कोई बड़ा और दुखद हादसा हो सकता है, जो मनाली की पर्यटन छवि को धूमिल कर देगा।

 

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