शिमला।
हिमाचल प्रदेश में अब लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचा है या नहीं, इसकी जानकारी मैनुअल रिपोर्टिंग से नहीं, बल्कि आधुनिक सेंसरों के माध्यम से मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार पेयजल आपूर्ति प्रणाली में तकनीक का समावेश कर इसे पूरी तरह पारदर्शी और जवाबदेह बनाने जा रही है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो।
सेंसर से होगी रियल-टाइम निगरानी
मुख्यमंत्री ने एक बयान में बताया कि प्रदेश के 10 जिलों की 291 पेयजल योजनाओं में सेंसर लगाए जाएंगे, जो पानी की आपूर्ति की रियल-टाइम निगरानी करेंगे। यह प्रणाली फिलहाल किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी जिलों में स्थापित की जाएगी। इन सेंसरों से यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किस क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बाधित है या कम दबाव से हो रही है, जिससे समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सकेगा।
शुद्धता पर जोर, स्थापित होंगी नई प्रयोगशालाएं
पेयजल की शुद्धता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए राज्य में एक राज्य-स्तरीय और 14 जिला-स्तरीय एनएबीएल-मान्यता प्राप्त जल परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। वर्तमान में राज्य में 71 जल परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, और नई प्रयोगशालाओं के जुड़ने से जांच का नेटवर्क और मजबूत होगा। इसके साथ ही, सरकार ने 80 करोड़ रुपये की लागत से ‘मुख्यमंत्री स्वच्छ जल शोधन योजना’ शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इस योजना के तहत ओजोनेशन, यूवी फिल्टरेशन, आरओ और नैनो फिल्टरेशन जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग कर लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इससे जल-जनित बीमारियों में कमी आने और लोगों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है।

जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष योजना
प्रदेश के बर्फबारी वाले जनजातीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति एक बड़ी चुनौती होती है। इसे देखते हुए सरकार ने इन क्षेत्रों में एंटी-फ्रीज पाइप लगाने का निर्णय लिया है। इस वित्त वर्ष में, लाहौल-स्पीति के लिए 27 करोड़ रुपये की लागत से 20 और किन्नौर जिले में 72 करोड़ रुपये की लागत से 6 नई पेयजल आपूर्ति योजनाओं का काम शुरू किया जाएगा, जिनमें इन विशेष पाइपों का इस्तेमाल होगा।
शहरों में पेयजल योजनाओं का उन्नयन
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। सरकार हर जिले के एक क्षेत्र को सप्ताह के सातों दिन चौबीस घंटे पेयजल आपूर्ति प्रणाली के तहत चिह्नित करेगी। 23 शहरों में जलापूर्ति योजनाओं के उन्नयन का कार्य चल रहा है, जबकि इस वित्त वर्ष में 9 और परियोजनाओं का काम शुरू किया जाएगा। मंडी, ठियोग, चंबा और हमीरपुर सहित 17 नगरों में 298 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजनाओं पर काम जारी है। इसके अलावा, कांगड़ा, मंडी और चंबा सहित 14 कस्बों में नई सीवरेज योजनाओं का कार्य भी शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इन सभी पहलों का लक्ष्य प्रदेश को एक ऐसा मॉडल राज्य बनाना है, जहां हर व्यक्ति को मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों।
Pls read:Himachal: मनाली में जिप लाइन टूटने से बच्ची घायल, वीडियो वायरल होने पर जागा प्रशासन