नई दिल्ली/देहरादून।
उत्तराखंड के केदारनाथ में हुए दुखद हेलीकॉप्टर हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। अपनी साइप्रस यात्रा के दौरान भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और दुर्घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। इस हादसे ने एक बार फिर चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, राज्य सरकार ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने दिया हर संभव सहयोग का आश्वासन
प्रधानमंत्री ने इस हृदय-विदारक घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरी संवेदना और शोक प्रकट किया। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह मृतकों के शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री धामी को यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस मुश्किल घड़ी में उत्तराखंड को हर संभव सहयोग और सहायता प्रदान करेगी, ताकि राहत, बचाव और जांच कार्यों में कोई कमी न रह जाए।
प्रधानमंत्री का विदेश यात्रा के दौरान भी इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार इस घटना को लेकर कितनी गंभीर है और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा उसके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राज्य सरकार की त्वरित कार्रवाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा उठाए गए तत्काल कदमों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई और स्थिति की गहन समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि दुर्घटना के असल कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन के निर्देश दे दिए गए हैं। यह समिति घटना के हर पहलू, जिसमें तकनीकी खराबी, मौसम की भूमिका या मानवीय भूल की आशंका शामिल है, की गहनता से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
इसके अतिरिक्त, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने और राहत-बचाव कार्यों में बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए एक स्थायी ‘कमांड एंड कॉर्डिनेशन सेंटर’ की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है। यह सेंटर यात्रा मार्गों पर होने वाली किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस पूरी घटना पर केंद्र और राज्य सरकार के शीर्ष नेतृत्व की सीधी नजर यह दर्शाती है कि मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार का पूरा ध्यान फिलहाल जांच को जल्द से जल्द पूरा करने और यह सुनिश्चित करने पर है कि भविष्य में चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक न हो और यात्रा सुरक्षित एवं सुगम बनी रहे।