शिमला: हिमाचल प्रदेश में शहरी विकास को गति देने और आवास परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शहरी नियोजन मंत्री राजेश धड़मानी ने अधिकारियों को शिमला जिले में विकास नगर वाणिज्यिक परिसर और जठिया देवी माउंटेन सिटी के निर्माण कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सरकारी भूमि के बेहतर उपयोग और मौजूदा पुरानी संरचनाओं के आधुनिकीकरण के लिए एक ‘पुनर्विकास नीति’ (Re-development Policy) लाने पर भी जोर दिया है।
यह निर्देश उन्होंने आज यहां हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक का मुख्य उद्देश्य हिमुडा की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य की योजनाओं के लिए एक ठोस रणनीति तैयार करना था।
मंत्री ने हिमुडा द्वारा किए जा रहे ‘जमा कार्यों’ (Deposit Works) को समय पर पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने राज्य में बेहतर शहरी और आवासीय विकास के लिए निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि क्षेत्र में निवेश के अधिक अवसर पैदा किए जा सकें। उनका मानना है कि निजी क्षेत्र के सहयोग से परियोजनाओं को न केवल समय पर पूरा किया जा सकता है, बल्कि गुणवत्ता और आधुनिक सुविधाओं में भी सुधार लाया जा सकता है।
बैठक के दौरान निदेशक मंडल ने कई अहम प्रस्तावों को अपनी स्वीकृति प्रदान की। बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 125.38 करोड़ रुपये के संशोधित बजट अनुमानों को मंजूरी दी। इसके अलावा, धर्मशाला में 35 फ्लैटों के निर्माण के साथ-साथ निजी भूमि की खरीद के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को भी स्वीकृति प्रदान की गई, जिससे धर्मशाला में आवास की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
बैठक की कार्यवाही का संचालन हिमुडा के सीईओ-सह-सचिव सुरिंदर कुमार वशिष्ठ ने किया। इस अवसर पर हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, प्रधान सचिव (आवास) देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सलाहकार (बुनियादी ढांचा) अनिल कपिल, लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा बोर्ड के गैर-सरकारी सदस्य जितेंद्र चंदेल और प्रदीप सूर्य भी उपस्थित थे।