देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को तीन प्रमुख लक्ष्य दिए गए हैं: स्थानीय स्तर पर संपूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, टेलीमेडिसिन को वास्तविक चिकित्सा सेवा में बदलना, और सभी अस्पतालों में पूरी तरह से कार्यात्मक ऑपरेशन थिएटर (OT) स्थापित करना।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और उप-जिला अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को अगले पांच महीनों में इन अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाओं को अगले स्तर पर ले जाने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इसके लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
मंत्री ने कहा कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि सभी बीमारियों का इलाज स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हो और किसी भी मरीज को रेफर करने की नौबत न आए। उन्होंने सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए आकर्षक सेवा शर्तें तय करने और डॉक्टरों के अवकाश पर जाने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने टेलीमेडिसिन सेवाओं को वास्तविक चिकित्सा सेवा में बदलने के लिए गंभीरता से प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन केवल औपचारिकता नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने चाहिए।
मुख्य सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पूरी तरह से कार्यात्मक और आधुनिक मानकों को पूरा करने वाले ऑपरेशन थिएटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए खरीदे गए उपकरणों का पूरी तरह से उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और उप-जिला अस्पतालों में दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी दी। विभाग ने बताया कि वर्तमान में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, सहायक कर्मचारियों, उन्नत स्किल लैब और ट्रामा सेंटर में सुधार की आवश्यकता है। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, डॉ. आर. राजेश कुमार, वी. षणमुगम, डीजी स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।