नई दिल्ली। सऊदी अरब में बकरीद का चाँद दिखाई देने के बाद, मक्का में वार्षिक हज यात्रा 4 जून से शुरू होने की घोषणा की गई है। सऊदी अरब की सुप्रीम कोर्ट ने आधिकारिक तौर पर हज यात्रा की तारीख की पुष्टि की है। दुनिया भर से लगभग 10 लाख तीर्थयात्री पहले ही देश में आ चुके हैं।
सऊदी अरब के हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पिछले साल 18 लाख मुसलमानों ने हज में हिस्सा लिया था। इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक हज यात्रा सभी मुसलमानों के लिए जीवन में कम से कम एक बार करना अनिवार्य माना जाता है।
हज यात्रा की तारीख इस्लामी चंद्र कैलेंडर के अनुसार तय होती है, इसलिए यह हर साल बदलती रहती है। हाल के वर्षों में, यह सऊदी अरब के भीषण गर्मी के महीनों में पड़ रही है। 2024 में, तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया था और जून की गर्मी में 1300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
चार दिनों तक चलने वाले इस समारोह का सबसे महत्वपूर्ण दिन दूसरा दिन होता है, जब माउंट अराफात पर सामूहिक प्रार्थना की जाती है। माना जाता है कि इसी पहाड़ी पर पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था। इस साल यह आयोजन 5 जून को होगा, जबकि ईद-उल-अजहा अगले दिन मनाई जाएगी।
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