चंडीगढ़। शहर में कोविड-19 संक्रमण से पहली मौत दर्ज की गई है। सेक्टर-32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में भर्ती लुधियाना निवासी 40 वर्षीय व्यक्ति की बुधवार को मौत हो गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब शहर और आसपास के क्षेत्रों में कोविड की वापसी को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
मृतक को चार दिन पहले सांस लेने में तकलीफ के चलते जीएमसीएच-32 की आपातकालीन सेवा में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत में सुधार न होते देख डॉक्टरों ने कोविड जाँच करवाई, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आने के एक दिन बाद ही उसकी मौत हो गई।
जीएमसीएच-32 के निदेशक डॉ. ए.के. अत्रे ने पुष्टि की कि संक्रमित मरीज को तत्काल आइसोलेट कर इलाज शुरू किया गया था, लेकिन गंभीर लक्षणों के चलते उसे बचाया नहीं जा सका। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोरोना के मद्देनजर 10 बिस्तरों वाली एक विशेष आइसोलेशन यूनिट तैयार की गई है।

यह मामला तब सामने आया है जब 23 मई को मोहाली में हरियाणा के यमुनानगर की 51 वर्षीय महिला की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह पंजाब में एक धार्मिक समागम में शामिल होने आई थी। इन घटनाओं के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है और सतर्कता बढ़ा दी गई है।
पीजीआई और जीएमसीएच-32 ने कोविड टेस्टिंग और निगरानी तेज कर दी है। पीजीआई की विशेषज्ञ डॉ. पीवीएम लक्ष्मी ने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन कोविड की अनिश्चित प्रकृति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने लोगों से अपील की है कि खांसी, बुखार या जुकाम जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। साथ ही मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और हाथों को बार-बार साफ करने जैसी सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
डॉ. लक्ष्मी ने बताया कि मौजूदा वैक्सीन अभी भी प्रभावी है, लेकिन अगर कोई नया वैरिएंट तेजी से फैलता है तो बूस्टर डोज या नया टीकाकरण अभियान शुरू किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से वैक्सीनेशन करवाने का भी आग्रह किया। प्रशासन की ओर से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।