चंडीगढ़/संगरूर, 16 मई: मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर शुरू किए गए नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ के तहत संगरूर पुलिस ने जेल परिसर के अंदर से चल रहे एक संगठित तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में संगरूर जेल में तैनात उप-अधीक्षक (DSP) सुरक्षा गुरप्रीत सिंह समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
जेल के अंदर से मिले मोबाइल, ड्रग्स और अन्य सामान:
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर संगरूर जेल के अंदर छापेमारी की गई, जिसमें 12 मोबाइल फोन, 4 स्मार्टवॉच, 50 ग्राम अफीम, 12 ग्राम हेरोइन और अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद किया गया. प्रारंभिक जांच में चौथी श्रेणी के कर्मचारी परशांत की भूमिका भी सामने आई है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है.
अमृतसर के ड्रग तस्कर की गिरफ्तारी:
DGP ने बताया कि आगे की जांच में अमृतसर के ड्रग तस्कर मनप्रीत सिंह की भी गिरफ्तारी हुई है, जो संगरूर जेल में बंद कैदी गुरविंदर सिंह का साथी है. पुलिस टीमों ने आरोपी मनप्रीत के कब्जे से 4 किलो हेरोइन, 5.5 लाख रुपये ड्रग मनी और एक 9MM ग्लॉक पिस्टल दो जिंदा कारतूसों समेत बरामद किया है.
DSP गुरप्रीत सिंह की भूमिका:

संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सरताज सिंह चहल ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि DSP गुरप्रीत सिंह जेल परिसर में ड्रग्स और मोबाइल फोन की तस्करी में शामिल था. जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी डीएसपी ने कैदी गुरचेत के रिश्तेदार से 40,000 रुपये नकद और अपनी पत्नी के खाते में UPI के माध्यम से 26,000 रुपये प्राप्त किए थे, ताकि जेल परिसर में 25 ग्राम हेरोइन और दो मोबाइल फोन पहुंचाए जा सकें. कुल 25 ग्राम हेरोइन में से 12 ग्राम हेरोइन रवि नामक एक अन्य कैदी से बरामद की गई है, जो गुरचेत के निर्देश पर कैदियों को ड्रग्स बेच रहा था.
अन्य गिरफ्तारियां:
SSP ने बताया कि इस मामले में अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें DSP गुरप्रीत सिंह, कर्मचारी परशांत, ड्रग तस्कर मनप्रीत सिंह, कैदी गुरचेत की मां बंटो उर्फ बंसो और 15 कैदी शामिल हैं.
आगे की जांच जारी:
DGP गौरव यादव ने कहा कि जांच जारी है और आगे और गिरफ्तारियां और खुलासे होने की उम्मीद है. उन्होंने दोहराया कि गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा, चाहे उसका पद या रैंक कुछ भी क्यों न हो. इस मामले में पुलिस स्टेशन सिटी-1 संगरूर में एनडीपीएस एक्ट, जेल अधिनियम और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बाद में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 भी जोड़ी गई है.
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