Punjab: हरियाणा ने जल बंटवारे पर वार्ता को और उलझाया, पंजाब के मंत्री का आरोप

चंडीगढ़: पंजाब के जल संसाधन और मृदा एवं जल संरक्षण मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने हरियाणा पर जल बंटवारे की वार्ता को और जटिल बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की तकनीकी समिति की बैठक में हरियाणा ने अपनी पहले से ही अव्यावहारिक पानी की मांग 9,525 क्यूसेक से बढ़ाकर 10,300 क्यूसेक कर दी है.

हरियाणा की रणनीति पर सवाल:

मंत्री गोयल ने कहा कि हरियाणा की बढ़ती मांग से समस्या का समाधान ढूंढने की उसकी इच्छाशक्ति पर सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा व्यावहारिक समाधान खोजने के बजाय जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा कर रहा है जिससे बातचीत आगे न बढ़ सके.

तकनीकी समिति की बैठक:

BBMB चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब का प्रतिनिधित्व जल संसाधन सचिव कृष्ण कुमार और मुख्य अभियंता शेर सिंह ने किया. हरियाणा और राजस्थान के मुख्य अभियंताओं के अलावा, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि भी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए.

पंजाब की सीमाएं:

मंत्री गोयल ने बताया कि हरियाणा ने शुरुआत में 8,500 क्यूसेक पानी की मांग की थी, जिसे पंजाब पूरा करने में असमर्थ था. मानवीय आधार पर, पंजाब 4 अप्रैल से ही हरियाणा को पीने के पानी के लिए 4,000 क्यूसेक पानी दे रहा है.

अव्यावहारिक मांग:

गोयल के अनुसार, पंजाब द्वारा अपनी सीमाएं बताने के बावजूद, हरियाणा ने 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की मांग की है. यह उसके लिखित पत्र में की गई 9,525 क्यूसेक की मांग से भी ज्यादा है.

भाखड़ा मुख्य लाइन की क्षमता:

मंत्री ने बताया कि भाखड़ा मुख्य लाइन (BML) की अधिकतम क्षमता 11,700 क्यूसेक है. पंजाब को अपनी जरूरतों के लिए कम से कम 3,000 क्यूसेक पानी चाहिए. हरियाणा की 10,300 क्यूसेक की मांग का मतलब है कि पंजाब के पास न के बराबर पानी बचेगा. यह BML की मरम्मत के दौरान और भी मुश्किल है.

पंजाब ने दस्तावेज पेश किए:

पंजाब के अधिकारियों ने बैठक में हरियाणा द्वारा पहले 9,525 क्यूसेक पानी मांगने का लिखित प्रमाण पेश किया. BBMB चेयरमैन ने इस विसंगति को स्वीकार किया और मामले की जांच करने का आश्वासन दिया.

पंजाब के पानी की वापसी:

मंत्री गोयल ने स्पष्ट किया कि पंजाब द्वारा हरियाणा को दिया जा रहा 4,000 क्यूसेक पानी पंजाब के हिस्से से ही जा रहा है. पंजाब ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना होगा.

राजस्थान ने जताया आभार:

बैठक के दौरान राजस्थान सरकार ने जरूरत पड़ने पर पानी उपलब्ध कराने के लिए पंजाब का आभार व्यक्त किया. वहीं, हरियाणा अत्यधिक पानी की मांग करता रहा.

 

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