चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने भूजल बचाने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से धान की सीधी बुवाई (DSR) शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल से राज्य के 15-20% भूजल की बचत होने की उम्मीद है.
किसानों के हित में कई कदम:
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. DSR तकनीक को बढ़ावा देना इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है. इस खरीफ सीजन में पांच लाख एकड़ जमीन पर DSR तकनीक से धान की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.
टिकाऊ खेती को बढ़ावा:
मुख्यमंत्री ने किसानों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना और भूजल का संरक्षण करना है.
1,500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता:
राज्य सरकार DSR अपनाने वाले किसानों को 1,500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दे रही है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इच्छुक किसान 10 मई से 30 जून, 2025 तक ऑनलाइन पोर्टल agrimachinerypb.com पर DSR योजना के लिए पंजीकरण करा सकते हैं.
भूजल और लागत में बचत:
मुख्यमंत्री ने बताया कि DSR तकनीक से 15-20% भूजल की बचत होगी और खेती पर होने वाले अतिरिक्त खर्च में भी कमी आएगी. इससे किसानों के लगभग 3,500 रुपये प्रति एकड़ के श्रम लागत में भी बचत होगी.
कृषि संकट से निपटने का प्रयास:
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों को कृषि संकट से उबारने और राज्य के बहुमूल्य भूजल को बचाने के प्रति संवेदनशील रही है. उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में राज्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन यह राज्य के उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों, मिट्टी और पानी के अत्यधिक दोहन की कीमत पर हुआ है. बढ़ती कृषि लागत और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न मिलने के कारण किसान आज गंभीर कृषि संकट का सामना कर रहे हैं.
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