Uttarakhand: उत्तराखंड में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास पर बैठक, आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के संबंध में अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जो आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने में मददगार होगा.

मुख्य सचिव ने कहा कि इन पूर्वाभ्यास गतिविधियों से आम जनता में किसी तरह की घबराहट न फैले, इसके लिए उनसे लगातार संवाद रखा जाए. लोगों को मॉक ड्रिल और उसके लाभों के बारे में जानकारी दी जाए. सभी विभागाध्यक्षों को आपातकालीन परिस्थितियों में अपने विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई की तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कि यह एक पूर्वाभ्यास कार्यक्रम है, जिससे प्रत्येक नागरिक आपात स्थिति के लिए तैयार रहेगा.

प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के लिए जागरूकता

मुख्य सचिव ने कहा कि प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के प्रति नागरिकों को जागरूक करने के लिए पूर्वाभ्यास गतिविधियां/मॉक ड्रिल आयोजित की जाएं. आपातकालीन और विपरीत परिस्थितियों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. विद्यालयों और अस्पतालों में आपदा से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं.

स्थायी आपात योजना

मुख्य सचिव ने कहा कि पूर्वाभ्यास के साथ ही स्थायी तौर पर आपातकालीन परिस्थितियों के लिए एक ठोस योजना तैयार की जानी चाहिए. इसके लिए राज्य और जनपद स्तर पर नागरिक सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए. प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के दौरान अलर्ट जारी करने के लिए सायरन सिस्टम को ठीक किया जाए. साथ ही, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से अलर्ट भेजने का तंत्र भी तैयार किया जाए.

घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को मजबूत करना

मुख्य सचिव ने आईआरएस को मजबूत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के साथ-साथ युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए भी प्रदेश और नागरिकों को जागरूक किया जाना चाहिए. इसके लिए संचार तंत्र को मजबूत किया जाए. आपातकालीन परिस्थितियों में संचार तंत्र के फेल होने पर आपातकालीन संचार व्यवस्था, वायरलेस, सैटेलाइट फ़ोन आदि की भी तैयारी रखी जाए. इसमें सामुदायिक सहभागिता, आपदा मित्र, मंगल दल, एनएसएस और एनसीसी को भी शामिल किया जाए.

मुख्य सचिव ने बड़े बांधों और संवेदनशील इमारतों में सम्भावित खतरे की स्थिति में सुरक्षा और अन्य ज़रूरी व्यवस्थाओं सहित आपदा प्रबंधन योजना तैयार रखने के निर्देश दिए. सभी वाटर हाइड्रेंट्स को सुचारू रूप से कार्यशील रखा जाए. नागरिक सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी इमारतों के सुरक्षित बेसमेंट आदि को तैयार रखा जाए.

बैठक में पुलिस महानिदेशक दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत, जिलाधिकारी, भारतीय सेना के प्रतिनिधि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

 

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