पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला कर जवाबी कार्रवाई की है. इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है. सरकार द्वारा जारी तस्वीरों में इन ठिकानों को ध्वस्त होते दिखाया गया है. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई में किसी भी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया. भारत सरकार ने इस कार्रवाई को अपने अधिकार क्षेत्र में बताया है और कहा है कि इसका उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था.
भारत ने अपने अधिकारों का किया प्रयोग
भारत सरकार ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहलगाम जैसे सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए भारत के अधिकार का प्रयोग था. सरकार का कहना है कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य आतंकी ढांचे को नष्ट करना और आतंकवादियों को निष्क्रिय करना था.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह द्वारा की गई एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया गया कि पाकिस्तान लगातार इस मामले में पल्ला झाड़ने और आरोप लगाने में व्यस्त है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों से और हमलों की सूचना मिली थी, जिसे रोकना जरूरी था.
किन ठिकानों को बनाया गया निशाना ?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कई आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इन ठिकानों में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों ?
पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें करीब 250 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ कई बैठकें की थीं.
इन बैठकों में प्रधानमंत्री ने कहा था कि पहलगाम हमले में आतंकियों ने कई महिलाओं को विधवा और पुरुषों को मारकर उनका सिंदूर छीन लिया है. इसका जवाब देते हुए बड़ी कार्रवाई करनी है. इसी कारण इस सैन्य अभियान का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया.
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