नई दिल्ली: बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच, भारत सरकार ने 7 मई 2025 को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला किया है। यह ड्रिल युद्ध या आपातकाल जैसी स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और तैयारियों का आकलन करने के लिए की जा रही है।
1971 के बाद पहली बार राष्ट्रव्यापी ड्रिल:
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह पहली बार है जब इस तरह की राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इससे पहले कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ऐसी ड्रिल की जा चुकी है, जैसे हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर में ब्लैकआउट ड्रिल का आयोजन किया गया था।
ड्रिल में क्या होगा?:
-
सायरन: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे।
-
नागरिक प्रशिक्षण: नागरिकों को ‘ड्रॉप एंड कवर’ तकनीक, प्राथमिक चिकित्सा और तनाव प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-
ब्लैकआउट: पूरे इलाके की लाइटें बंद कर दी जाएंगी ताकि दुश्मन के हवाई हमलों से बचा जा सके।
-
छलावरण: रणनीतिक इमारतों और प्रतिष्ठानों को छिपाने के लिए कैमोफ्लाज तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
-
निकासी अभ्यास: अधिकारी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास करेंगे।
कौन शामिल होगा?:
इस ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होमगार्ड, NCC, NSS, NYKS के सदस्य और स्कूल-कॉलेज के छात्र शामिल होंगे।
मॉक ड्रिल क्यों?:
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी किसी भी स्थिति के लिए नागरिकों को तैयार करना है।
भारत द्वारा उठाए गए अन्य कदम:
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, व्यापारिक प्रतिबंध लगाना और पाकिस्तानी वेबसाइट्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करना शामिल है।
Pls read:Delhi: पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी और एनएसए डोभाल की मुलाकात, देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी