देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में बच्चों को श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन भी कराया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए अगले 10 सालों की स्पष्ट योजना बनाकर काम करने के निर्देश भी दिए गए।
शिक्षा विभाग का रजतोत्सव कैलेंडर:
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को दिसंबर 2026 तक शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का रजतोत्सव कैलेंडर तैयार करने को कहा।
स्कूलों का निरीक्षण:
बरसात शुरू होने से पहले राज्य के सभी स्कूलों का निरीक्षण करने और स्कूल के रास्तों, पुलों की स्थिति और अन्य मूलभूत सुविधाओं की जांच करने के निर्देश दिए गए।
आवासीय हॉस्टल की सुविधा:
क्लस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाने को कहा गया। प्रथम चरण में प्रत्येक जनपद में एक आवासीय हॉस्टल बनाया जाएगा। 559 क्लस्टर विद्यालयों के 15 किमी के दायरे में छात्र-छात्राओं के लिए परिवहन व्यवस्था का प्रस्ताव भी जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए।
पाठ्य पुस्तकों की समय पर उपलब्धता:
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि हर साल बच्चों को समय पर पाठ्य पुस्तकें मिलें।
पारदर्शी स्थानांतरण प्रक्रिया:
शिक्षा विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो, इसके लिए सभी पहलुओं पर विचार कर प्रस्ताव बनाने को कहा गया। जनपद, मंडल और राज्य स्तरीय कैडर में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा।
एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा:
स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा देने और जिन स्कूलों में यह सुविधा नहीं है, वहां चरणबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए। राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों से CSR फंड के तहत सहयोग लेने को भी कहा गया।
जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों की मरम्मत:
जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों की मरम्मत में तेजी लाने और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय:
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रतीक्षा सूची बनाने के निर्देश दिए गए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर तेजी से काम करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महापुरुषों का उल्लेख, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, लोककथा, लोक साहित्य, संगीत और कला को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव बेसिक शिक्षा एमएम सेमवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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