देहरादून: उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले तीन सालों में भ्रष्टाचार के मामलों में 80 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य गठन के बाद यह पहली बार है जब भ्रष्टाचार पर इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई है।
सतर्कता विभाग की टीम ने सोमवार को ऊधम सिंह नगर ज़िले के सितारगंज में एक मुख्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सरकार ने सतर्कता विभाग को और सक्रिय किया है और एक विशेष टोल फ्री नंबर 1064 भी जारी किया है। इससे आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने में मदद मिल रही है।
कुछ प्रमुख मामले:
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नैनीताल: लोक निर्माण विभाग का सहायक अभियंता रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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देहरादून: बिजली विभाग का जेई रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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नैनीताल: एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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पौड़ी: आरटीओ कार्यालय का वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार।
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काशीपुर: रोडवेज का एजीएम 90,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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हरिद्वार: खंड शिक्षा अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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देहरादून: जीएसटी का सहायक आयुक्त रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार.
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रुद्रपुर: ज़िला आबकारी अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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कर्णप्रयाग: आबकारी निरीक्षक रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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पौड़ी: कानूनगो रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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सीएम हेल्पलाइन का कर्मचारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार।
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