देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में “उत्तराखंड पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन” द्वारा आयोजित “एशियन सब जूनियर-जूनियर मैन एवं वूमेन कप एवं एशियन यूनिवर्सिटी कप पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता 2025” के शुभारंभ के अवसर पर घोषणा की कि उत्तराखंड को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राज्य में जल्द ही ‘स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ लागू किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जिनमें हर साल 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में एक महिला स्पोर्ट्स कॉलेज भी स्थापित किया जाएगा।
5 मई से 12 मई तक आयोजित इस पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत सहित एशिया के 16 देशों के 300 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार ‘मुख्यमंत्री खेल विकास निधि’, ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’, ‘मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना’ और ‘खेल किट योजना’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है। ‘उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार’ और ‘हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’ से खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है। राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को फिर से लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल में मुगदर, गदा और हल जैसे पारंपरिक उपकरणों से बल और परिश्रम का प्रदर्शन किया जाता था, आज वेट लिफ्टिंग और पावरलिफ्टिंग जैसे आधुनिक खेलों ने उनकी जगह ले ली है। पावर लिफ्टिंग में वजन उठाने के तरीके इन्हीं पारंपरिक भारतीय खेलों से प्रेरित हैं। ऐसी प्रतियोगिताएं युवाओं में आत्मविश्वास और अनुशासन बढ़ाती हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “खेलो इंडिया” और “फिट इंडिया मूवमेंट” जैसे कार्यक्रमों से देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। आज भारत खेल के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि” के साथ-साथ “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक पदक जीते। 517 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम और लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्वस्तरीय खेल बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है। इसका परिणाम है कि आज उत्तराखंड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए एक प्रमुख स्थान बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल में हार-जीत से ज़्यादा ज़रूरी ‘खेल भावना’ है, जो हमें अनुशासन, धैर्य, सहनशीलता और परस्पर सम्मान सिखाती है।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, विधायक खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, अपर सचिव प्रशांत आर्य और विभिन्न देशों के पावरलिफ्टर मौजूद थे।