Punjab: पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए 31 मई तक की डेडलाइन: डीजीपी गौरव यादव

चंडीगढ़: पंजाब पुलिस राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि पंजाब सरकार ने 31 मई तक राज्य को नशे से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सभी पुलिस कमिश्नरों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को अपने-अपने क्षेत्रों में नशा उन्मूलन के लिए 31 मई से पहले की समय-सीमा तय करने के निर्देश दिए गए हैं।

डीजीपी ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार, पाकिस्तान से वीजा पर आए लोगों को वापस भेजा जा रहा है। पंजाब में वीजा पर आए 235 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है और उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। यह कदम सीमा पार से होने वाली नशा तस्करी को रोकने के लिए उठाया गया है।

डीजीपी यादव ने आगे बताया कि 31 मई की समय-सीमा समाप्त होने के बाद, खुफिया एजेंसियों के माध्यम से राज्य भर में नशे की स्थिति का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस सर्वेक्षण के आधार पर प्रत्येक जिले की एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें नशा तस्करी और तस्करों की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाएगा। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना और भविष्य की रणनीति बनाना है।

सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर, अच्छा प्रदर्शन करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि अपने क्षेत्रों में नशे पर नियंत्रण करने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पुलिस बल में जवाबदेही सुनिश्चित होगी और नशा उन्मूलन के प्रयासों को और गति मिलेगी।

डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस नशे के खिलाफ इस लड़ाई में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसमें जनता का सहयोग भी महत्वपूर्ण है और उन्होंने लोगों से नशे के खिलाफ लड़ाई में पुलिस का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशे के सौदागरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा, नशे के आदी लोगों के पुनर्वास के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाया जा सके।

पंजाब पुलिस द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से उम्मीद है कि राज्य में नशे की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा और युवा पीढ़ी को इस बुराई से बचाया जा सकेगा। हालांकि, यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण लड़ाई है और इसमें सफलता के लिए समाज के सभी वर्गों के सहयोग की आवश्यकता है।

 

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