पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई देशों के राजदूतों को इस घटना की जानकारी दी और पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को भी तलब किया.
राजनयिकों को जानकारी:
जर्मनी, जापान, पोलैंड, ब्रिटेन, रूस, चीन, और कनाडा सहित कई देशों के राजदूतों को विदेश मंत्रालय ने पहलगाम हमले के बारे में जानकारी दी. यह बैठक लगभग 30 मिनट तक चली.
पाकिस्तानी राजनयिक तलब:
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक साद अहमद को तलब किया और उन्हें “पर्सोना नॉन ग्राटा” नोट सौंपा. “पर्सोना नॉन ग्राटा” का मतलब है किसी राजनयिक या विदेशी व्यक्ति को किसी देश में प्रवेश या रहने की अनुमति नहीं देना. भारत ने यह नोट पाकिस्तान के सैन्य राजनयिकों को दिया है, जिन्हें अब एक हफ्ते के अंदर भारत छोड़ना होगा.
सीसीएस की बैठक में लिए गए फैसले:
पहलगाम हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए:
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पाकिस्तान के रक्षा, नौसेना, और वायु सेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित किया गया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया.
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भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया.
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अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया. वैध दस्तावेजों वाले लोग 1 मई 2025 तक इस रास्ते वापस आ सकते हैं.
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पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया.
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पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना को रद्द कर दिया गया और पहले से जारी वीजा भी रद्द कर दिए गए. ऐसे नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया.
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