नई दिल्ली: भारत में इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे बर्बर और क्रूर बताया है। उन्होंने इस हमले को 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हमास द्वारा किए गए हमले से जोड़ते हुए दोनों में समानताएं बताई हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ही घटनाओं में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया, पहलगाम में पर्यटक छुट्टियां मना रहे थे जबकि इजरायल में लोग संगीत समारोह में शामिल थे।
राजदूत अजार ने पाकिस्तान में हमास आतंकवादियों की मौजूदगी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हमास के आतंकवादियों को पाकिस्तान में आमंत्रित करना एक बुरा संकेत है और यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि न केवल अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए, बल्कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इससे पहले भी राजदूत अजार ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में हमास नेताओं की जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठनों के साथ बैठकों पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी भी तरह से बर्दाश्त या उचित नहीं ठहराया जा सकता। आतंकवादी संगठनों का एक-दूसरे को पनाह देना अस्वीकार्य है।
राजदूत ने कहा कि आतंकवादी एक दूसरे की नकल कर रहे हैं और एक दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों को आतंकवाद को हराने के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी स्तरों पर आतंकवादियों के बीच सहयोग देखा जा रहा है।
राजदूत अजार ने पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे भारत सरकार के सख्त कदमों से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने जैसे कूटनीतिक कदमों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
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