पहलगाम आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी को देखते हुए पुलिस ने यह कदम उठाया है. डीजीपी दीपम सेठ ने कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
खुफिया तंत्र सक्रिय:
राज्य का खुफिया तंत्र भी सक्रिय है और सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है. माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस से संपर्क करें:
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि कश्मीरी छात्र किसी भी परेशानी की स्थिति में पुलिस से संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारियों को कश्मीरी छात्रों के संपर्क में रहने और उनकी सुरक्षा का ख्याल रखने के निर्देश दिए हैं.
कश्मीरी छात्रों का सत्यापन:
देहरादून के विभिन्न कॉलेजों में 1201 कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं. पुलिस ने इन सभी छात्रों का विवरण प्राप्त कर लिया है और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
शैक्षणिक संस्थानों के साथ बैठक:
एसएसपी ने शैक्षणिक संस्थानों और PG प्रबंधकों के साथ एक बैठक की और उन्हें कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश दिए. उन्हें किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत पुलिस को देने को कहा गया है. जहाँ कश्मीरी छात्र रहते हैं, वहाँ PAC की तैनाती की गई है.
पुलवामा हमले के बाद का अनुभव:
2019 में पुलवामा हमले के बाद देहरादून में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. इसलिए पुलिस इस बार पहले से ही सतर्क है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए तैयार है.
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