मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार और युवाओं को इससे जोड़ने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की.
रोजगार और प्रशिक्षण:
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संस्कृत भाषा के माध्यम से युवाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा.
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यज्ञ, कर्मकांड, और वेदों में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे.
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संस्कृत के छात्रों को 16 संस्कारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पहले चरण में 100 छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा और आगे चलकर हर साल एक लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा.
संस्कृत का प्रचार-प्रसार:
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स्कूलों और कॉलेजों में संस्कृत में वाद-विवाद, निबंध लेखन, और श्लोक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी.
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संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे.
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सभी सरकारी कार्यालयों में नाम पट्टिकाएं संस्कृत में भी लगाई जाएंगी.
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अन्य राज्यों में संस्कृत प्रचार-प्रसार की सर्वोत्तम पद्धतियों का अध्ययन किया जाएगा.
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार संस्कृत को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे.
अन्य पहल:
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राज्य के प्रत्येक जिले के एक गाँव को संस्कृत ग्राम बनाया जाएगा. इसे बाद में ब्लॉक स्तर तक विस्तारित किया जाएगा.
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संस्कृत के छात्रों को छात्रवृत्ति और पुजारियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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प्रतियोगी परीक्षाओं में संस्कृत के प्रश्न शामिल किए जाएंगे.
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संस्कृत में शोध को बढ़ावा दिया जाएगा.
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एक लाख लोगों को सरल संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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वेद अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
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संस्कृत के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा.
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संस्कृत में लघु फिल्म बनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी.
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संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
बैठक में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई.
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