लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर भूमि घोटाले में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है. राजस्व विभाग ने तत्कालीन राजस्व निरीक्षक जितेंद्र सिंह को चार्जशीट दे दी है. शासन ने अन्य दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है.
घोटाले की जाँच:
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने इस घोटाले की जाँच की थी. उन्होंने अगस्त 2024 में 83 पन्नों की जाँच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसमें तत्कालीन DM अभिषेक प्रकाश सहित 18 अधिकारियों को दोषी ठहराया गया था.
घोटाले का विवरण:
यह घोटाला लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत की भूमि अधिग्रहण में हुआ था. भू-माफिया ने अधिकारियों से मिलीभगत करके पट्टे की असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय घोषित करवा लिया और उन लोगों को भी मुआवजा दिला दिया जिनका भूमि पर कब्जा ही नहीं था. भू-माफिया ने किसानों से 8 लाख रुपये में जमीन खरीदकर 54 लाख रुपये में बेच दी.
दोषी अधिकारी:
इस घोटाले में तत्कालीन DM अभिषेक प्रकाश के अलावा तत्कालीन ADM अमरपाल सिंह, चार SDM (संतोष कुमार सिंह, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह, देवेंद्र कुमार), चार तहसीलदार (विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह, मनीष त्रिपाठी), एक नायब तहसीलदार (कविता ठाकुर), तीन कानूनगो (राधेश्याम, जितेंद्र सिंह, नैंसी शुक्ला) और दो लेखपाल (हरीश्चंद्र, ज्ञान प्रकाश) को दोषी पाया गया है.
कार्रवाई:
मुख्यमंत्री कार्यालय ने 25 मार्च 2025 को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी. इसके बाद राजस्व परिषद और संबंधित जिलाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए.
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