नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन ने दो नए लड़ाकू विमानों के प्रोटोटाइप का परीक्षण किया है, जिन्हें छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान माना जा रहा है. यह कदम अमेरिका द्वारा अपने F-47 छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास की घोषणा के बाद आया है, और इसे अमेरिका को सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
J-36 और J-50 के वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दोनों विमानों – J-36 और J-50 – की परीक्षण उड़ानें दिखाई दे रही हैं. J-36 को चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है, जबकि J-50 शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन का उत्पाद है. विश्लेषकों का मानना है कि इन परीक्षण उड़ानों के जरिए चीन अमेरिका को अपनी सैन्य क्षमता का संदेश देना चाहता है.
J-36 की खासियतें:
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ट्रायंगल और टेललेस डिजाइन: यह डिज़ाइन विमान को रडार से बचने और उच्च गति प्राप्त करने में मदद करता है.
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तीन इंजन: तीन WS-10C टर्बोफैन इंजन विमान को तेज गति और लंबी दूरी की उड़ान क्षमता प्रदान करते हैं.
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अधिक हथियार क्षमता: पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की तुलना में J-36 अधिक हथियार ले जा सकता है.
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उन्नत सेंसर: इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर और साइड-लुकिंग एयरबोर्न रडार विमान को बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करते हैं.
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दो पायलट: विमान में दो पायलटों के लिए जगह है, जिनमें से एक ड्रोन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है.
J-50 की जानकारी सीमित
J-50 के बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि यह भी छठी पीढ़ी का उन्नत लड़ाकू विमान है.
चीन की बढ़ती सैन्य महत्वाकांक्षा
चीन की यह पहल उसकी बढ़ती सैन्य महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है. वह अमेरिका के साथ सैन्य क्षेत्र में बराबरी हासिल करने की कोशिश कर रहा है और इन नए लड़ाकू विमानों का विकास इसी दिशा में एक बड़ा कदम है. आने वाले समय में इन विमानों की क्षमताओं और प्रभाव के बारे में और जानकारी सामने आएगी. यह भी देखना होगा कि अमेरिका इस चुनौती का कैसा जवाब देता है.
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