देहरादून: उत्तराखंड के अपने विश्वविद्यालय अधिनियम के लिए अभी और इंतजार करना होगा। उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक पर गठित प्रवर समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। यह विधेयक पहले भी कई बार राजभवन से वापस लौट चुका है।
कुलपति नियुक्ति का प्रावधान विवाद का विषय
विधेयक में कुलपति की नियुक्ति संबंधी प्रावधान पर राजभवन की आपत्ति रही है। राजभवन अपने अधिकारों में कमी के पक्ष में नहीं है। प्रवर समिति इसी गतिरोध को दूर करने का प्रयास कर रही है।
प्रवर समिति ने अब तक क्या किया?
प्रवर समिति के अध्यक्ष उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत हैं। समिति के अन्य सदस्यों में विधायक मुन्ना सिंह चौहान, सुरेश गढ़िया, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, रवि बहादुर, मनोज तिवारी और मो. शहजाद शामिल हैं। समिति की अब तक की बैठकों में विधेयक के कुछ बिंदुओं पर संशोधन पर सहमति बनी है।
अगले विधानसभा सत्र तक इंतजार संभव
फरवरी में हुए विधानसभा के बजट सत्र में प्रवर समिति की रिपोर्ट और संशोधित विधेयक पेश नहीं किया गया। अब अगले विधानसभा सत्र तक इंतजार करना पड़ सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श अभी जारी है।