चमोली: बद्रीनाथ धाम के रास्ते में 9 ऐसे स्थान हैं जो यात्रियों के साथ-साथ प्रशासन के लिए भी चुनौती बन सकते हैं। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले इन जगहों पर सड़क की मरम्मत और अन्य ज़रूरी काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है. हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ज़िला प्रशासन से इन जगहों की स्थिति रिपोर्ट मांगी गई थी.
मुख्य चुनौतियां और उनसे निपटने के लिए उठाए जा रहे कदम:
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पागलनाला: बारिश में अचानक पानी बढ़ने से सड़क बह जाती है. यहां पानी को जमा करके नालियों के माध्यम से डायवर्ट किया जाएगा.
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चटवापीपल: पानी और मलबे के कारण कीचड़ हो जाता है, जिसमें वाह्न फंस जाते हैं. यहां स्लोप प्रोटेक्शन का काम हो गया है और अब डामरीकरण किया जाएगा.
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नंदप्रयाग: भूस्खलन के खतरे के कारण बिजली का टावर असुरक्षित है. इसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.
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कमेड़ा: स्लोप प्रोटेक्शन का काम पूरा हो चुका है, अब डामरीकरण बाकी है.
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जोगीधारा: एक बड़े पत्थर को केमिकल से तोड़कर हटाया जा रहा है.
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हाथी पहाड़: नदी के कटाव से सड़क को नुकसान हो रहा है. बीआरओ ने सुरक्षात्मक कार्य शुरू किया है.
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लाम्बगड़: बीआरओ एक वैकल्पिक पुल बना रहा है और सुरक्षात्मक कार्य कर रहा है.
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हनुमान चट्टी: हिमखंडों के कारण खतरा है. यहां चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे.
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भनेरपाणी: नदी के कटाव से क्षतिग्रस्त सड़क को चौड़ा करने का काम चल रहा है.
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि यात्रा शुरू होने से पहले सभी ज़रूरी काम पूरे कर लिए जाएंगे.
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