बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को वर्चुअल माध्यम से बिलासपुर जिले में आठ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं से पर्यटन, रोजगार और हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
लोकार्पित परियोजनाएँ:
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कोल डैम में जल क्रीड़ा गतिविधियों का शुभारंभ
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जिला उपायुक्त कार्यालय में 70 लाख रुपये की लागत से 110 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र (इससे यह हिमाचल का पहला हरित उपायुक्त कार्यालय बना है)
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4.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित शहरी आजीविका केंद्र
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40 लाख रुपये की लागत से निर्मित चार स्पेस प्रयोगशालाएं
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2.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मॉडल करियर सेंटर
पर्यटन को बढ़ावा:
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों से जिले को पर्यटन के मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। प्रदेश सरकार पर्यटन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इसे हिमाचल की आय का मुख्य स्रोत बनाने के लिए काम कर रही है। धार्मिक, पारंपरिक, जल और स्वास्थ्य पर्यटन को मिलाकर आकर्षक पैकेज तैयार किए जा रहे हैं।

नए पर्यटन स्थलों का विकास:
प्रदेश में 2400 करोड़ रुपये की लागत से नए पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा। पहले चरण में वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे और निजी निवेशकों को प्रोत्साहित कर तीन से सात सितारा होटल विकसित किए जाएंगे। श्री नयना देवी जी मंदिर में सुविधाओं के उन्नयन के लिए 100 करोड़ रुपये और धर्मशाला में 200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। गोबिंद सागर झील समेत अन्य जलाशयों में क्रूज, शिकारा, हाउस बोट, जेट स्की, मोटर बोट और वाटर स्कूटर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली बचत:
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बताया कि उपायुक्त कार्यालय परिसर में लगे सौर ऊर्जा संयंत्र से प्रतिदिन 440 यूनिट और मासिक 13,200 यूनिट बिजली उत्पादन होगा, जिससे सालाना 10 लाख रुपये की बचत होगी। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि ये परियोजनाएं जिले में पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
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