शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस साल स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी, जबकि आईजीएमसी शिमला में जून से PET स्कैन की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे कैंसर मरीजों को बाहर इलाज कराने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। आईजीएमसी, चमियाना, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में MRI की आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, बुजुर्गों के लिए घर-द्वार पर टेस्ट और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ:
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हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान होगा। वर्तमान में 49 विधानसभा क्षेत्रों में यह सुविधा उपलब्ध है।
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11 स्वास्थ्य संस्थानों (घवांडल, चुवाड़ी, भोरंज, नादौन, तियारा, जयसिंहपुर, पद्धर, धर्मपुर, जुन्गा, हरोली और अंब) में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित की जाएंगी।
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बीमार नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और ऊना जिलों में 17 न्यू बोर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट स्थापित होंगी।
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हमीरपुर और मंडी मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब खोली जाएगी।
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राज्य में 10 नए हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे।
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डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त इंसुलिन पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
धूम्रपान और जंक फ़ूड के ख़तरे:
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डॉक्टरों के अनुसार, धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है। धूम्रपान में मौजूद हानिकारक रसायन फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। पुरुषों में यह बीमारी महिलाओं के मुकाबले ज़्यादा होती है। आईजीएमसी शिमला के कैंसर अस्पताल में हर साल 2400 से 2600 नए मरीज इलाज के लिए आते हैं।
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जंक और फास्ट फूड में कैलोरी बहुत अधिक और पोषक तत्व बहुत कम होते हैं। इनमें ज़्यादा मात्रा में चीनी, नमक, संतृप्त वसा होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हैं। जंक फ़ूड पाचन तंत्र को कमज़ोर करता है, मोटापा, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।
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नशे की लत इंसान की ज़िंदगी बर्बाद कर देती है।
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