हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगियों (OPD) के लिए मुफ्त टेस्ट बंद करने की तैयारी है. इसके साथ ही, OPD पर्ची के लिए भी 10 रुपये शुल्क लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है और टेस्ट की फीस तय करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. अंतिम फैसला सरकार करेगी. हालांकि, अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए मुफ्त टेस्ट की सुविधा जारी रहेगी.
सरकार पर बढ़ते बोझ का तर्क:
स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि मुफ्त टेस्ट सुविधा शुरू होने के बाद से लोग बार-बार पूरे शरीर के टेस्ट कराने लगे हैं, जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है. प्रयोगशालाओं में भी टेस्ट रिपोर्ट के लिए लंबी कतारें लगती हैं. राज्य में वर्तमान में लगभग 130 टेस्ट मुफ्त किए जाते हैं.
आईजीएमसी में पहले ही शुरू हुई फीस:
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में बाह्य रोगियों के लिए ईसीजी और अल्ट्रासाउंड की फीस पहले ही शुरू कर दी गई है. अब सरकार अन्य टेस्टों के लिए भी शुल्क लेने पर विचार कर रही है.

निजी लैब का खर्च:
पूर्व सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टेस्ट की सुविधा शुरू की थी. मेडिकल कॉलेजों के अलावा, सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में निजी कंपनियों की प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, जहाँ मरीजों के मुफ्त टेस्ट होते हैं. लेकिन इन टेस्टों का खर्च सरकार वहन करती है, जो करोड़ों रुपये में होता है.
हिमकेयर योजना का ऑडिट:
सरकार ने हिमकेयर योजना के तहत भारी-भरकम बिलों का ऑडिट भी शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री सुक्खू ने बजट सत्र में इसका ऐलान किया था. आरोप है कि हिमकेयर में करोड़ों का घोटाला हुआ है, जिसमें मामूली बीमारियों के भी हजारों के बिल बनाए गए हैं.
स्वास्थ्य सचिव का बयान:
स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने कहा कि बाह्य रोगियों से मेडिकल टेस्ट की फीस लेने का मामला विचाराधीन है और अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है.
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