राज्यसभा ने 12 घंटे की लंबी चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कर दिया है। इस विधेयक को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने अपना समर्थन जताया है और मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया है कि इस कानून से मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों या कब्रिस्तानों को कोई खतरा नहीं है।
मुख्यमंत्री धामी ने किया स्वागत:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए इसे पारदर्शिता, न्याय और सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुशासन और न्यायिक सुधारों को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता, कानूनी स्पष्टता और न्यायिक संतुलन स्थापित करना है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह विधेयक किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए है।

भाजपा ने बताया क्रांतिकारी कदम:
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम वर्ग के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने तुष्टीकरण की नीति के तहत वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दिए थे, जिससे कुछ वक्फ अधिकारियों ने दान में मिली जमीनों पर कब्जा कर लिया था। भट्ट ने दावा किया कि इस संपत्ति का उपयोग न तो अस्पताल, स्कूल बनाने में किया गया और न ही किसी सामाजिक कार्य में। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम गरीब समुदाय और महिला उत्थान के लिए लाया गया है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को तुष्टीकरण की राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह कानून मस्जिद, कब्रिस्तान या ईदगाह के खिलाफ नहीं है, बल्कि वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ है.
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