देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने वक्फ संशोधन विधेयक को सत्ता पक्ष की हठधर्मिता बताया है। उन्होंने कहा कि पहले भी वक्फ संशोधन विधेयक में संशोधन पर सवाल उठाए गए थे, जिन्हें चर्चा के माध्यम से सुलझाया गया था, लेकिन इस बार सरकार समाधान नहीं ढूंढ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा के ध्रुवीकरण के एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद में अपनी बात रखेगी और भाजपा के प्रचार तंत्र द्वारा फैलाए जा रहे गलत प्रचार का खंडन करेगी।
नाम बदलने पर निशाना:
हरीश रावत ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों के नाम बदलने के सरकार के फैसले की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अपने ही सवालों से घिरी सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 8 साल से सत्ता में है, लेकिन उसके पास गिनाने के लिए 8 उपलब्धियां नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री धामी घबराए हुए हैं और जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

पंचायतों से राय लेने की मांग:
रावत ने सरकार से नाम बदलने के मामले में पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से राय लेने की मांग की। उन्होंने औरंगजेब का नाम बदलने का समर्थन किया, लेकिन मियांवाला गांव का नाम बदलने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मियां राजपूतों की एक जाति है। उन्होंने समान नागरिक संहिता में ‘लिविंग इन’ के प्रावधान को भी सनातन संस्कृति और संस्कारों पर चोट बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के झूठ का भंडाफोड़ करने के लिए वह पूरी ताकत से जुटेंगे।
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