मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा करते हुए वनों के संरक्षण के साथ वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण, जड़ी-बूटियों के कृषिकरण एवं विपणन, मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनाग्नि प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वन सम्पदाओं के बेहतर उपयोग से रोजगार सृजन पर भी बल दिया। ग्रीष्मकाल में वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने को कहा गया।
ईको-टूरिज्म:
बैठक में बताया गया कि ईको-टूरिज्म के अंतर्गत इको कैंपिंग, फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के जीर्णोद्धार, स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड का प्रशिक्षण देने जैसे कार्यक्रमों पर ध्यान दिया जा रहा है। ईको-टूरिज्म के लिए एक समर्पित वेबसाइट भी बनाई जाएगी। इस क्षेत्र से स्थानीय युवाओं को लगभग 5 करोड़, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ और स्वयं सहायता समूहों को 30 लाख की आय हुई है।
ऊर्जा विभाग:

मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने, लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने और ऊर्जा क्षेत्र की क्षमताओं का भरपूर उपयोग करने के निर्देश दिए। शहरी क्षेत्रों में पॉवर लाइन के अंडरग्राउंडिंग का कार्य जल्द पूरा करने, सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाने और यूजेवीएनएल व यूपीसीएल की अनुपयोगी परिसंपत्तियों के उपयोग की कार्ययोजना बनाने को कहा गया। नवीकरणीय ऊर्जा, विद्युत वितरण सुधार और स्मार्ट मीटर योजनाओं में तेजी लाने के भी निर्देश दिए गए।
जल विद्युत परियोजनाएं:
बैठक में जानकारी दी गई कि संशोधित जल विद्युत नीति 2023 के तहत 160.80 मेगावाट के 8 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, जो 2030 तक पूरे होंगे। इसके अलावा, 121 मेगावाट के 6 प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी मिली है। यूजीवीएनएल 2028 से 2031 तक तीन पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट (इच्छारी, लखवार-व्यासी, व्यासी-कटापत्थर) पर काम करेगा।
बैठक में वन मंत्री, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, प्रमुख वन संरक्षक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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