Delhi: सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर शिक्षा नीति को लेकर हमला

केंद्र सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र में ‘तीन सी’ – केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकरण – को लागू करने का आरोप

नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर शिक्षा नीति को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में “तीन सी” – केंद्रीकरण, व्यावसायीकरण और सांप्रदायिकरण – पर काम कर रही है, जिसके घातक परिणाम होंगे. यह आरोप उन्होंने एक समाचार पत्र में प्रकाशित अपने लेख में लगाए, जिसे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पर साझा किया.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की आलोचना

सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की आलोचना करते हुए कहा कि यह नीति बच्चों और युवाओं की शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता को छिपाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों पर पीएम-श्री योजना को लागू करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाले अनुदान को रोककर दबाव बना रही है.

केंद्रीकरण से शिक्षा को नुकसान

सोनिया गांधी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सत्ता का केंद्रीकरण, शिक्षा में निवेश का व्यावसायीकरण, निजी क्षेत्र को आउटसोर्सिंग और पाठ्यपुस्तकों, पाठ्यक्रम और संस्थानों का सांप्रदायिकरण किया है. उनका मानना है कि केंद्रीकरण का सबसे अधिक नुकसानदायक असर शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है.

राज्यों से संवाद का अभाव

सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक सितंबर 2019 के बाद से नहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों से बातचीत नहीं करती और उनके मुद्दों पर विचार नहीं करती. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव और लागू करते समय भी केंद्र ने राज्यों से बातचीत नहीं की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संविधान की समवर्ती सूची से जुड़े विषयों पर भी चर्चा नहीं की गई.

धमकाने की प्रवृत्ति और व्यावसायीकरण

सोनिया गांधी ने अपने लेख में लिखा कि संवाद की कमी के साथ-साथ धमकाने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है. उन्होंने पीएम-श्री योजना का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा प्रणाली का तेजी से व्यावसायीकरण किया जा रहा है, जिसकी झलक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिखती है. उन्होंने बताया कि 2014 से देशभर में 89,441 सरकारी स्कूल बंद या एकीकृत हुए हैं, जबकि 42,944 निजी स्कूल खुले हैं. उनका आरोप है कि गरीबों को सार्वजनिक शिक्षा से बाहर कर महंगे निजी स्कूलों की ओर धकेला जा रहा है.

शिक्षा में सांप्रदायिकरण का आरोप

सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा के माध्यम से नफरत फैला रही है, जो भाजपा और संघ के दीर्घकालिक वैचारिक प्लान का हिस्सा है. उन्होंने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रमों में बदलाव, महात्मा गांधी की हत्या और मुगल भारत से जुड़े पाठों को हटाने का उदाहरण दिया. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों में सरकार की विचारधारा के अनुकूल लोगों को नियुक्त किया जा रहा है.

 

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