मोहाली: पंजाब के मोहाली स्थित जीरकपुर में एक महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में पास्टर बजिंदर सिंह को अदालत ने दोषी करार दिया है। उन्हें 1 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। पास्टर अभी तक जमानत पर थे, लेकिन अब उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर पटियाला जेल भेज दिया है।
अन्य आरोपी बरी:
इस मामले में पास्टर बजिंदर सिंह समेत सात लोगों पर मुकदमा दर्ज था. अदालत ने सबूतों के अभाव में अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप पहलवान को बरी कर दिया है। एक अन्य आरोपी सुच्चा सिंह की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी.
पेशी के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था:
पास्टर बजिंदर सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए थे. उस दिन की पेशी के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. पास्टर के वकील ने अदालत में एक याचिका दायर कर बताया था कि 3 मार्च को बजिंदर सिंह अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए वे पेश नहीं हो सके। सरकारी वकील और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पास्टर के गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिए थे और अगली सुनवाई की तारीख 24 मार्च तय की थी।
पीड़िता ने मांगी सुरक्षा:
पास्टर को दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़िता ने मीडिया के सामने आकर कहा कि बजिंदर सिंह एक खतरनाक व्यक्ति है और जेल से बाहर आने पर फिर से अपराध कर सकता है. उन्होंने डीजीपी पंजाब से खुद और अपने पति के लिए सुरक्षा की मांग की है. पीड़िता का कहना है कि उन पर और उनके परिवार पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा सकते हैं.
वायरल वीडियो से हुआ था खुलासा:
इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब पास्टर बजिंदर सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे एक महिला के साथ मारपीट करते दिख रहे थे। यह महिला पास्टर के पास काम करती थी