
शिमला: हिमाचल प्रदेश में युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। राज्य सरकार और मेसर्स स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड, चंडीगढ़ के बीच 1400 करोड़ रुपये की लागत से सोलन जिले के बीबीएन में एक एकीकृत विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओसी) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस परियोजना से एक हज़ार युवाओं को रोज़गार मिलने की उम्मीद है।
भारत की पहली एकीकृत एपीआई, ग्रीन हाइड्रोजन और 2जी इथेनॉल सुविधा:
यह परियोजना भारत की पहली एकीकृत एपीआई, ग्रीन हाइड्रोजन और 2जी इथेनॉल विनिर्माण सुविधा होगी। इसके लिए पहले चरण में 30 मेगावाट और बाद में 50 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन की आवश्यकता होगी।
हरित ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनेगा हिमाचल:
इस परियोजना के साथ ही, नालागढ़ में ऑयल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से एक मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हरित ऊर्जा क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने जा रहा है। राज्य सरकार मार्च 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एक साल में पूरा करने का लक्ष्य:
मुख्यमंत्री ने कंपनी को परियोजना एक साल के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। एमओसी पर राज्य सरकार की ओर से उद्योग निदेशक डॉ. युनूस और कंपनी की ओर से प्रबंध निदेशक विवेक वर्मा ने हस्ताक्षर किए।
2000 से अधिक पदों पर भर्ती को मंजूरी:
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में 2000 से अधिक पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से उनकी योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जाएंगी। इस भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों को आयु सीमा में दो साल की छूट भी दी जाएगी।
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