
शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर तबादलों का दौर शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे उन अधिकारियों की सूची भेजें जो दो साल से एक ही पद पर तैनात हैं। राज्य कर एवं आबकारी विभाग समेत कुछ अन्य विभागों में तबादले की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब अन्य विभागों में भी यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
पारदर्शी और जवाबदेह शासन का दावा:
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पारदर्शी और जवाबदेह शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिजली सस्ती है और सरकार उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
हरित उद्योगों को बढ़ावा:
राज्य सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और पर्यटन, जल विद्युत, खाद्य प्रसंस्करण, डाटा भंडारण, डेयरी आदि क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है।
खनन से राजस्व में वृद्धि:
मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग को खनन पट्टों की नीलामी में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट निधियों के उपयोग के लिए नए नियम बनाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि दो साल पहले खनन से राज्य सरकार को 240 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था, जो अब बढ़कर 314 करोड़ रुपये हो गया है और इस वित्त वर्ष के अंत तक 360 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
पटवारियों और कानूनगो की हड़ताल:
राज्य कैडर बनाने के विरोध में पटवारियों और कानूनगो की अनिश्चितकालीन पेन-डाउन हड़ताल के कारण 2375 पटवारखानों और 386 कानूनगो कार्यालयों में कामकाज ठप रहा। इस हड़ताल से राजस्व लोक अदालतें भी प्रभावित हुई हैं और करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।