
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को हाल ही में एक अप्रिय अनुभव से गुजरना पड़ा जब उन्हें एयर इंडिया की एक उड़ान में टूटी हुई सीट पर बैठकर सफर करने को मजबूर होना पड़ा। इस घटना से नाराज चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की और एयर इंडिया की सेवाओं पर सवाल उठाए। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी एयरलाइंस की सेवाओं और यात्री सुविधाओं की दिशा में उठने वाले सवालों को हवा दे दी है।
भोपाल से दिल्ली की यात्रा के दौरान हुई घटना
शिवराज सिंह चौहान भोपाल से दिल्ली की यात्रा कर रहे थे। उन्हें दिल्ली में पूसा कृषि मेले का उद्घाटन करना था, साथ ही प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक और चंडीगढ़ में किसान संगठन के नेताओं से भी मिलना था। इस व्यस्त कार्यक्रम के चलते उन्होंने हवाई यात्रा का विकल्प चुना। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह यात्रा उनके लिए एक अप्रिय अनुभव बन जाएगी।
टूटी सीट और एयर इंडिया कर्मचारियों का जवाब
शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI436 में यात्रा के लिए टिकट बुक कराया था। उन्हें सीट संख्या 8C आवंटित की गई थी। लेकिन जैसे ही वे अपनी सीट पर बैठे, उन्हें पता चला कि सीट टूटी हुई और अंदर धंसी हुई है। इस पर बैठना बेहद तकलीफदेह था। जब उन्होंने विमान कर्मचारियों से इस बारे में शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि प्रबंधन को पहले ही इस खराब सीट के बारे में सूचित कर दिया गया था और इस सीट का टिकट नहीं बेचा जाना चाहिए था। कर्मचारियों ने यह भी बताया कि ऐसी और भी कई सीटें हैं जो खराब हालत में हैं।
सहयात्रियों के आग्रह के बावजूद टूटी सीट पर ही किया सफर
चौहान के सहयात्रियों ने उन्हें अपनी सीट बदलने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने किसी और को असुविधा देने से इंकार कर दिया और टूटी सीट पर ही बैठकर अपनी यात्रा पूरी की। उन्होंने इस घटना की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की और एयर इंडिया की सेवाओं पर सवाल उठाए।
टाटा प्रबंधन पर भी निशाना
शिवराज सिंह चौहान ने टाटा समूह, जो अब एयर इंडिया का संचालन करता है, पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि टाटा प्रबंधन के आने के बाद एयर इंडिया की सेवाओं में सुधार होगा, लेकिन यह उनकी गलतफहमी साबित हुई। उन्होंने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से बैठने में तकलीफ की चिंता नहीं है, लेकिन यात्रियों से पूरा पैसा वसूलने के बाद उन्हें खराब और तकलीफदेह सीट पर बैठाना अनैतिक है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह यात्रियों के साथ धोखा नहीं है? उन्होंने एयर इंडिया प्रबंधन से अपील की कि वे इस मामले में उचित कदम उठाएं ताकि भविष्य में किसी अन्य यात्री को ऐसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
एयर इंडिया ने मांगी माफी
इस घटना के बाद एयर इंडिया ने शिवराज सिंह चौहान से माफी मांगी है। कंपनी ने ट्वीट कर कहा, “आपको हुई असुविधा के लिए हमें खेद है। कृपया आश्वस्त रहें कि हम भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहे हैं। हम आपसे बात करने का अवसर पाकर प्रसन्न होंगे।”
इस घटना से उठते सवाल
यह घटना एयर इंडिया की सेवाओं और यात्री सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती है। जब एक केंद्रीय मंत्री को ही ऐसी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, तो आम यात्रियों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह भी सवाल उठता है कि क्या एयर इंडिया अपने विमानों के रखरखाव पर पर्याप्त ध्यान दे रही है? क्या कंपनी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दे रही है या सिर्फ मुनाफा कमाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है?
आगे की कार्रवाई
यह देखना होगा कि एयर इंडिया इस घटना के बाद क्या कदम उठाती है। क्या कंपनी अपने विमानों के रखरखाव में सुधार लाएगी और यात्रियों की शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देगी? या फिर यह घटना भी एक और अप्रिय घटना बनकर रह जाएगी? समय ही बताएगा कि एयर इंडिया इस घटना से क्या सबक सीखती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।
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