
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पुलिस थानों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करने की घोषणा की है। यह वर्गीकरण जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, आपराधिक गतिविधियां, वीआईपी मूवमेंट, यातायात व्यवस्था, अंतरराज्यीय सीमाएँ और पर्यटकों की आवाजाही जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
छह श्रेणियों में बांटे जाएंगे थाने:
पुलिस थानों को ए प्लस से लेकर ई तक कुल छह श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा। यह वर्गीकरण हर साल दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों की संख्या के आधार पर होगा। 250 से ज़्यादा मामले दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस श्रेणी में रखा जाएगा। प्रदेश में ऐसे 15 थानों की पहचान की गई है। इसके अलावा, 5 थाने ‘ए’ श्रेणी, 25 थाने ‘बी’ श्रेणी, 47 थाने ‘सी’ श्रेणी, 28 थाने ‘डी’ श्रेणी और 15 थाने ‘ई’ श्रेणी में रखे जाएंगे।
कर्मचारियों की संख्या भी होगी निर्धारित:
पुलिस थानों में तैनात कर्मचारियों की संख्या भी श्रेणी के अनुसार निर्धारित की गई है। ए प्लस श्रेणी के थानों में कम से कम 70, ए श्रेणी में 65, बी श्रेणी में 48, सी श्रेणी में 37, डी श्रेणी में 25 और ई श्रेणी में 19 पुलिसकर्मी तैनात होंगे। प्रत्येक थाने में जांच अधिकारियों की संख्या एफआईआर दर्ज होने की संख्या के आधार पर तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश:
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को नए वर्गीकरण के अनुसार पदों को भरने और पुलिस बल की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं ताकि आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण रखा जा सके और कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इससे पुलिस की कार्यक्षमता में वृद्धि होने और जनता को बेहतर सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
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पुलिस थानों का वर्गीकरण जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, अपराध दर, वीआईपी मूवमेंट, यातायात, अंतरराज्यीय सीमाएँ और पर्यटन जैसे कारकों पर आधारित होगा।
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छह श्रेणियां: ए प्लस, ए, बी, सी, डी, और ई।
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श्रेणी के अनुसार पुलिसकर्मियों और जांच अधिकारियों की संख्या तय होगी।
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इस पहल से कानून व्यवस्था में सुधार और जनता को बेहतर सेवाएं मिलने की उम्मीद।
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