Uttarakhand: उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर नाबार्ड का ज़ोर

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देहरादून: नाबार्ड ने उत्तराखंड में महिलाओं को सशक्त बनाने और सतत आजीविका के अवसर पैदा करने के लिए कई पहल की हैं। 177 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 7800 स्वयं सहायता समूह/जेएलजी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है। स्वयं सहायता समूहों और कारीगरों को बाज़ार उपलब्ध कराने के लिए ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनियाँ और बिक्री मेलों का आयोजन किया गया है। ग्रामीण हाट, ग्रामीण मार्ट और विपणन वैन के ज़रिए उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में भी मदद की गई है।

वित्तीय समावेशन के तहत बैंकिंग सुविधाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया गया है और जहाँ बैंक नहीं हैं, वहाँ सहकारी बैंकों को मोबाइल डेमो वैन और एटीएम उपलब्ध कराए गए हैं।

नाबार्ड ने “स्टेट फ़ोकस पेपर” भी जारी किया, जो राज्य सरकार को नीतिगत फ़ैसलों और 2025-26 के बजट की प्राथमिकताओं को तय करने में मदद करेगा। यह ग्रामीण इलाक़ों में आधारभूत संरचना के विकास और बैंकों को ऋण कार्यक्रम तैयार करने में भी मददगार होगा।

इस अवसर पर आयोजित सेमिनार में मुख्य सचिव राधा रतुड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, कृषि सचिव डॉ. एस एन पांडे, RBI की महाप्रबंधक दीप्ति अग्रवाल, SLBC के संयोजक दीपेश राज, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष हरिहर पटनायक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों, सरकारी विभागों, कृषि विश्वविद्यालयों, सहकारी बैंकों, कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इसमें हिस्सा लिया।

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी बैंक, दो ज़िला मध्यवर्ती सहकारी बैंक और दो कृषक उत्पादक संगठनों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।

 

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