
देहरादून: उत्तराखंड में स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा ने स्मार्ट मीटर को उपभोक्ताओं और राज्य दोनों के लिए फायदेमंद बताया है, जबकि कांग्रेस ने इसे अडानी को बिजली सेक्टर सौंपने की दिशा में पहला कदम बताया है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी रुकेगी और उपभोक्ताओं को कई सुविधाएं मिलेंगी, जैसे ऑनलाइन बिल भुगतान, बिजली खपत की जानकारी, बिलिंग में पारदर्शिता आदि। उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को बिजली दरों में छूट भी मिलेगी। चौहान ने कांग्रेस के विरोध को राजनीति से प्रेरित और जनहित के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने का फ़ैसला किया है, जिससे पता चलता है कि वह जनता के हितों के प्रति संवेदनशील हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर लगाने का असली मकसद अडानी को बिजली उत्पादन और वितरण सौंपना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्मार्ट सिटी योजना में जनता को कोई फायदा नहीं हुआ, उसी तरह स्मार्ट मीटर से भी सिर्फ भाजपा नेताओं को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस स्मार्ट मीटर के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
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