
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के नीति निर्माण में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, सैम पित्रोदा, पूर्व आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर, डॉ. अशोक खोसला, डॉ. शालिनी सरीन और रजनी बख्श जैसे दिग्गजों की सेवाएं लेगी। ये सभी एक थिंक टैंक के रूप में राज्य के विकास में योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ‘हिमाचल 2045’ संगोष्ठी शृंखला का शुभारंभ किया। डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासनिक संस्थान (MSHPIA) द्वारा तैयार किया गया यह रोडमैप सतत और समग्र विकास पर केंद्रित है। यह पहल आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने पर ज़ोर देती है।
यह तीन चरणों वाली प्रक्रिया ऑनलाइन चर्चाओं से शुरू होगी, जिसमें विशेषज्ञ ‘हिमाचल 2045’ दस्तावेज को अंतिम रूप देंगे। इसके बाद 22 से 24 मार्च तक MSHPIA में संगोष्ठी का आयोजन होगा और जून में नीतिगत रोडमैप के साथ इसका समापन होगा।
कुलपति नियुक्ति के नए नियमों का विरोध:
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कुलपति नियुक्ति के लिए UGC के नए प्रस्ताव का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल समेत सात राज्य इन नियमों का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। नए प्रस्ताव में कुलपति चयन समिति में राज्य सरकार के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया है, जिसका राज्य सरकारें विरोध कर रही हैं। ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है.
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