
देहरादून: उत्तराखंड के चार आईपीएस अधिकारियों को अगले पांच साल तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति या विदेश में सेवा देने से रोक दिया गया है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने आईपीएस नीरू गर्ग, मुख्तार मोहसिन, अरुण मोहन जोशी और राजीव स्वरूप पर यह रोक लगाई है।
राज्य सरकार ने पिछले साल आठ अधिकारियों के नाम केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भेजे थे। हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने इनमें से चार अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने में असमर्थता जताई थी। इसके बावजूद, केंद्र ने सभी आठ अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दे दी थी और उन्हें विभिन्न पदों पर तैनाती भी दे दी थी।

केंद्र ने स्पष्ट किया था कि अगर एक महीने के भीतर अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कार्यभार नहीं संभालते हैं, तो उन्हें प्रतिनियुक्ति के लिए निषिद्ध कर दिया जाएगा। इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार के पत्र का जवाब देते हुए इन चार अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी और साथ ही उन्हें अगले पांच साल तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से रोक दिया।
लक्सर और देहात क्षेत्र में फ्लैग मार्च:
खानपुर विधायक और पूर्व विधायक के बीच विवाद के बाद, पुलिस ने लक्सर और देहात क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। हालांकि महापंचायत स्थगित कर दी गई है, लेकिन पुलिस प्रशासन किसी भी तरह की अशांति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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