
उत्तराखंड की समान नागरिक संहिता, 2024 में वसीयत और पूरक प्रलेख (Codicil) बनाने और रद्द करने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। इसमें सशस्त्र बलों के जवानों के लिए विशेष प्रावधान भी हैं।
सैनिकों के लिए ‘प्रिविलेज्ड वसीयत’:
सक्रिय सेवा में तैनात सैनिक, वायुसैनिक और नौसैनिक ‘प्रिविलेज्ड वसीयत’ बना सकते हैं। इसके तहत उन्हें वसीयत बनाने के लिए आसान और लचीले नियमों का पालन करना होगा। यह वसीयत हस्तलिखित, मौखिक या गवाहों के सामने बनाई जा सकती है।
-
हस्तलिखित वसीयत: सैनिक द्वारा स्वयं लिखी गई वसीयत के लिए हस्ताक्षर या गवाहों की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते यह स्पष्ट हो कि वसीयत उसकी अपनी इच्छा से लिखी गई है।
-
मौखिक वसीयत: दो गवाहों के सामने दी गई मौखिक वसीयत भी मान्य होगी, लेकिन अगर सैनिक एक महीने के अंदर सक्रिय सेवा से मुक्त हो जाता है और जीवित है, तो यह वसीयत अमान्य हो जाएगी।
-
निर्देशों के आधार पर वसीयत: अगर कोई अन्य व्यक्ति सैनिक के निर्देशों पर वसीयत लिखता है और सैनिक उसे स्वीकार कर लेता है, तो यह भी मान्य होगी। यदि सैनिक लिखित निर्देश देता है, लेकिन वसीयत पूरी होने से पहले ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तो भी उन निर्देशों को वसीयत माना जाएगा। इसी तरह, यदि सैनिक दो गवाहों के सामने मौखिक निर्देश देता है और गवाह उन्हें लिखित रूप में दर्ज कर लेते हैं, लेकिन वसीयत पूरी नहीं हो पाती, तो भी उन निर्देशों को वसीयत माना जा सकता है।
वसीयत में बदलाव या रद्द करना:
सैनिक चाहे तो भविष्य में एक नई प्रिविलेज्ड वसीयत (या कुछ मामलों में साधारण वसीयत) बनाकर अपनी पुरानी वसीयत को बदल या रद्द कर सकता है।
ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा:
वसीयत से जुड़ी सेवाओं को जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।
वसीयत बनाना अनिवार्य नहीं:
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि वसीयत बनाना किसी के लिए अनिवार्य नहीं है। यह एक व्यक्तिगत फैसला है। लेकिन जो लोग अपनी संपत्ति के बारे में स्पष्ट निर्देश देना चाहते हैं, उनके लिए यह कानून एक सुरक्षित और सरल व्यवस्था प्रदान करता है।
पंजीकरण प्रक्रिया:
उप-पंजीयक, पंजीयक और महानिबंधक की नियुक्ति इस बात को सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सभी आवेदनों का निपटारा समय सीमा के अंदर हो।
Pls read:Uttarakhand: पूर्व CM हरीश रावत का नाम वोटर लिस्ट से गायब